2206 में बिहार शिक्षा सेवकों की होगी नियुक्ति, एस सिद्धार्थ ने दिया निर्देश, जानिए किसे मिलेगा मौका

पटना

: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा विभाग 2206 शिक्षा सेवकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। यह नियुक्तियां महादलित, दलित और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए चलाई जा रही अक्षर आंचल योजना के तहत होंगी। विभाग ने सभी जिलों को निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के अनुसार, जिन जिलों में सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है, वहां 15 जून 2025 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी होगी। वहीं, जिन जिलों में सर्वे अधूरा है, वहां 30 जून 2025 तक चयन कार्य संपन्न करना होगा।

शिक्षा सेवकों की नियुक्ति से शिक्षा गुणवत्ता में होगा सुधार

इस भर्ती से राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा सेवकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सहायता मिलेगी। खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में इसका असर देखने को मिलेगा।

सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को निर्देश जारी कर समयबद्ध तरीके से चयन प्रक्रिया पूरी करने को कहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पिछड़े वर्गों के छात्रों को मिलेगा लाभ

यह भर्ती प्रक्रिया खासतौर से महादलित, दलित, अल्पसंख्यक और अति-पिछड़े वर्गों के छात्रों के लिए है। इस योजना का उद्देश्य इन वर्गों के बच्चों को समान शिक्षा का अवसर प्रदान करना है।

वर्क कैलेंडर के अनुसार हो रहा काम

शिक्षा विभाग पहले ही सभी जिलों को चयन प्रक्रिया के लिए वर्क कैलेंडर जारी कर चुका है। हालांकि, कुछ जिलों में सर्वे की शुरुआत में देरी के कारण प्रक्रिया प्रभावित हुई थी। अब विभाग ने प्राथमिकता के साथ कार्य पूरा करने का आदेश दिया है।
पारदर्शी प्रक्रिया से मिलेगा बच्चों को लाभ

शिक्षा विभाग ने भरोसा दिलाया है कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी। इस पहल से राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चों को उनके भविष्य के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button